वर्धापन

वर्धापन

तुलसी शासन में ली दीक्षा,
महाप्रज्ञ का पाया साया।
महाश्रमण वर अनुशासन में,
नवम साध्वीप्रमुखा पद पाया।।

जन्म हुआ मोदी परिकर में,
‘स्मितप्रज्ञा’ समणी उपवन में।
‘विश्रुत विभा’ कोटि वर्धापन,
नवमी साध्वीप्रमुखा गण में।।

गुरु नजरों की दौलत पाई,
झेलो ढेरों ढेर बधाई।
‘संघमित्रा’ हर पल मंगल हो,
दीपित रहे संघ अरुणाई।।

महाप्रज्ञ की गहन नजर का पाया सिंचन,
महाश्रमण वर से जानी अनजानी विधियाँ।
जप, तप, ध्यान श्रुताराधन रत,
बाँटों गण में नूतन निधियाँ।।