भारतीय ऋषि परंपरा के महान संदेश वाहक हैं आचार्यश्री महाश्रमण
बोरावड़
मानवता के महान संदेशवाहक भारतीय ऋषि परंपरा के एक महान संत हैंµआचार्य महाश्रमण। जिन्होंने अपनी अहिंसा की प्रलंब यात्रा कर वर्ण, जाति, संप्रदाय से मुक्त रहकर जन-मानस को मैत्री, करुणा, सेवा, सद्भावना और समन्वय का संदेश दिया। 20 राज्यों व तीनों देशों की पदयात्रा करना इतिहास का दुर्लभ दस्तावेज बन गया है। नैतिकता, सद्भावना और जन-जन को नशामुक्ति की दिशा में प्रेरित करने के लिए पदयात्रा करना आंतरिक अनुकंपा की भावना के बिना संभव नहीं है। ये विचार तेरापंथ भवन में तेयुप एवं तेममं, बोरावड़ के संयुक्त तत्त्वावधान में आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव, पट्टोत्सव, दीक्षा दिवस पर मुनि चैतन्य कुमार ‘अमन ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे।
मुनि चैतन्य कुमार जी ‘अमन’ ने कहा कि राजस्थान के सरदारशहर कस्बे में जन्म लेने वाले आचार्य महाश्रमण का जीवन नैतिक मूल्यों के विकास, सांप्रदायिक सौहार्द तथा अहिंसक चेतना के जागरण के लिए समर्पित है। मुनि चैतन्य कुमार जी ने अपनी श्रद्धाप्रणत भावनाओं से आचार्य महाश्रमण जी के षष्टिपूर्ति व युगप्रधान अभिवंदना पर समग्र समाज के साथ उनके दीर्घायु-चिरायु होने की मंगलकामना करते हुए समाज और राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की भी कामना की। मुनि सुबोध कुमार जी ने मंच का संचालन करते हुए आचार्यश्री महाश्रमण जी की अनेक विशेषताओं का उल्लेख किया। अर्हत वंदना के सामुहिक संगान के पश्चात आभा गेलड़ा ने महाश्रमण अष्टकम् से मंगलाचरण किया। तेयुप मंत्री विकास चोरड़िया ने स्वागत भाषण के साथ अपनी प्रस्तुति दी। युवती बहनों द्वारा महाश्रमण आरती प्रस्तुत की गई। महिला मंडल ने गीत का संगान किया। प्रदीप छाज ेड़ ने युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी की महिमा को चिंतनशील, युक्तिसंगत, तार्किक, स्पष्ट व कम शब्दों में सुंदरता से प्रस्तुत किया। अंकित चोरड़िया, भावना कोटेचा, कनिष्का बोथरा ने अपने गीत, वक्तव्य आदि से अभ्यर्थना की।
ज्ञानशाला के बालक-बालिकाओं ने संगीत की स्वर लहरियों पर धार्मिक प्रस्तुति दी। तेयुप अध्यक्ष गजेंद्र बोथरा व महिला मंडल अध्यक्ष शशि कोटेचा
ने मुक्तक व वक्तव्य के द्वारा अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में तेयुप के संगठन मंत्री कैलाश गेलड़ा ने कार्यक्रम में उपस्थिति को लेकर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।