
तीर्थ स्थापना दिवस का आयोजन
बंगुमुंडा
भगवान महावीर द्वारा स्थापित तीर्थ स्थापना दिवस मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मनाया गया। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि प्रभु महावीर को केवलज्ञान हुआ। केवल्यप्राप्ति के तुरंत पश्चात प्रभु देशना प्रदान करते हैं। पहली देशना में तीर्थ की स्थापना नहीं हुई, क्योंकि उस देशना में देवता ही उपस्थित थे। साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका रूपी चार तीर्थ की स्थापना कर प्रभु तीर्थंकर कहलाए। पाँच महाव्रत को अंगीकार करने वाले साधु-साध्वी एवं बारह व्रत को धारण करने वाले श्रावक-श्राविका कहलाए। भगवान ने अहिंसा को जीवन-व्रत बनाया। केशव नारायण जैन, बंगुमुंडा सभाध्यक्ष जयप्रकाश जैन, कांटाभाजी सभाध्यक्ष युवराज जैन ने जैन ध्वजारोहण किया। भगवान महावीर की स्तुति एवं उद्घोष का सामुहिक संगान हुआ। बंगुमंुडा, कांटाभाजी, सिंधिकेला श्रावक समाज उपस्थित था।