शुभा मेहता बनीं राजस्थान उच्च न्यायालय की न्यायाधिपति
राजस्थान
सुंदरलाल मेहता की पुत्री जस्टिस शुभा मेहता ने 6 जून को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधिपति पद की शपथ लेने के साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो गया। शुभा मेहता के पति जस्टिस महेंद्र गोयल पहले से ही हाईकोर्ट में न्यायाधिपति हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के 72 साल के इतिहास में यह पहले दंपति होंगे जो मामलों की सुनवाई करेंगे। शुभा मेहता को न्यायिक कोर्ट (जिला न्यायाधीश) से न्यायाधिपति गनाया गया है। यह जैन श्वेतांबर तेरापंथ समाज के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। उदयपुर जिले के मावली की मूल निवासी शुभा मेहता ने राज्य न्यायिक सेवा में चयन के साथ ही वर्ष 1992 में अपने कैरियर की शुरुआत की। इनके पिता सुंदरलाल मेहता भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश रहे हैं। तेरापंथ समाज से ताल्लुक रखने वाले मृदुभाषी, उदारमना सुंदरलाल मेहता प्रमुख श्रावक हैं। गणाधिपति तुलसी ने उन्हें ‘प्रामाणिक प्रवर’ की उपाधि से अलंकृत किया था। सुंदरलाल मेहता आचार्यश्री तुलसी और आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के साथ ही वर्तमान में आचार्यश्री महाश्रमण जी के अनन्य श्रावकों में हैं। एलएलबी में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी शुभा मेहता ने भी राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधिपति पद पर नियुक्ति के साथ ही पारिवारिक परंपराओं को आगे बढ़ाने का प्रशंसनीय कार्य किया है। जस्टिस शुभा मेहता के पति राजगढ़ (चूरू जिला) निवासी जस्टिस महेंद्र गोयल को 6 नवंबर, 2019 को राजस्थान हाईकोर्ट का न्यायाधिपति नियुक्त किया गया था। वे अधिवक्ता कोटे से राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधिपति बने थे। उनके पिता अनूपचंद गोयल भी राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधिपति रह चुके हैं।