साध्वी विनयप्रभाजी का देवलोकगमन

साध्वी विनयप्रभाजी का देवलोकगमन

अहमदाबाद
साध्वी विनयप्रभाजी का 27 मई, 2022 को तिविहार संथारे में मणिनगर, अहमदाबाद में देवलोकगमन हो गया। आपका जन्म विक्रम संवत् 2011 भाद्रव शुक्ला 5 मातुश्री रतनी देवी, पिता माणकचंद तातेड़ के प्रांगण में हुआ। दीक्षा वि0सं0 2037, वैशाख शुक्ला 8 को गणाधिपति गुरुदेव तुलसी के करकमलों से लाडनूं में हुई। दीक्षित होकर 9 महीने लगभग गुरुकुलवास में रहने का सुअवसर प्राप्त हुआ, फिर पूज्यप्रवर ने महत्ती कृपा कर साध्वी रामकुमारी को वंदना कराई। तब से लेकर अंतिम श्वास तक तन की पछेवड़ी बनकर रहे। कंठस्थ ज्ञान: भक्तामर, कल्याणमंदिर, आलंबन सूत्र कर्तव्य षट्त्रिंशिका, रत्नाकर पच्चीसी, संस्कृत चौबीसी, आराधना, चौबीसी, 25 बोल, तत्त्वचर्चा, जैन तत्त्व प्रवेश पंच सूत्रम् तेरापंथ प्रबोध आचार, संस्कार, व्यवहार बोध अष्टकम् दसवेंआलियं कुछ गीत व व्याख्यान आदि कला-रंगाई, सिलाई व गीत बनाना कंठ कला मधुर थी। आपकी जप में विशेष रुचि थी। कैंसर जैसी भयानक बीमारी में भी समता भाव प्रशस्त था। त्याग के प्रति पूर्ण सजग थे। संघ व संघपति के प्रति प्रगाढ़ आस्था व श्रद्धा के भाव थे। जीवन में अप्रमत्त भाव व सेवा भावना थी। आगम-स्वाध्याय की रुचि थी। दीक्षा के प्रथम वर्ष में अग्नि परीक्षा कंठस्थ कर रात्रि में व्याख्यान दिया। दूसरे वर्ष में ओघा बनाकर भेंट किया। रुग्णावस्था में सेवा भावना की अनुमोदना करते हुए कहते कि ऐसी सेवा गृहस्थ में होनी मुश्किल है।
तेरापंथ धर्मसंघ में आपकी संसारपक्षीय बहिन साध्वी आत्मप्रभा, भतीजी मधुस्मिताजी, स्वास्थ्यप्रभाजी, कल्पनाश्री जी दीक्षित हैं। शासनश्री साध्वी रामकुमारी जी ने 27 मई, 2022 को प्रातः 4ः29 बजे तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान करवाया। लगभग 2 घंटे के संथारे के साथ 27 मई को प्रातः 6ः50 बजे देवलोकगमन हो गया। तेरापंथ भवन कांकरिया से बैकुंठी यात्रा निकाली गई। अंतिम संस्कार शाहपुर मुक्तिधान में किया गया।