चारित्रात्माओं का मिलन मन से मन का होता है

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चारित्रात्माओं का मिलन मन से मन का होता है

अहमदाबाद
जुल्ली टेनामेंट, शाहीबाग में शासनश्री साध्वी रतनश्री जी एवं शासनश्री साध्वी सरस्वती जी का आध्यात्मिक मिलन हुआ। मंगलाचरण प्रवीणा बुरड़ ने सुमधुर गीत द्वारा किया। इस अवसर पर शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने कहा कि अपनी यात्रा में जो अनुभव, पुरानी यादें आध्यात्मिक मिलन के अवसर पर वह संस्मरणों को याद करते हैं तो बहुत आनंद व रस आता है। आज यह अवसर मिला है। उन्होंने आगे कहा कि अहमदाबाद के श्रद्धालु श्रावक समाज व सभी संस्थाएँ अपनी शक्‍तियों के साथ संघ के विकास में हमेशा प्रयत्नशील हैं।
शासनश्री साध्वी सरस्वती जी ने कहा कि हम एक समंदर के मोती हैं, एक ही दीप की ज्योति हैं, एक डाली के फूल हैं। फिर भी कभी-कभी ज्यादा नजदीक होते हुए भी उनका मिलन देरी से होता है। अहमदाबाद के विभिन्‍न क्षेत्रों की लघुयात्रा करके शाहीबाग आए और साध्वीश्री से मिलकर आनंद की अनुभूति हुई।
साध्वी हिमश्री जी ने साध्वीवृंद का स्वागत करते हुए कहा कि आध्यात्मिक मिलन का द‍ृश्य, अनुशासन, मर्यादा और व्यवस्था के साथ प्रमोदभाव, विनय, श्रद्धा, समर्पण का प्रयोग रूप भिक्षु शासन में ही देखने को मिल सकता है। यह गुण सबके लिए प्रेरणादायी होते हैं। साध्वी हिमश्री जी, साध्वी मुक्‍तियशा जी एवं साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने साध्वीवृंद का गुणगान करते हुए स्वागत गीत का संगान किया। शासनश्री साध्वी रमावती जी ने कहा कि यह मिलन कोई औपचारिकता का मिलन नहीं होता, चारित्रात्माओं का मिलन मन से मन का मिलन होता है। साध्वी संवेगप्रभा जी ने कहा कि हमारा मिलन दिल से दिल का हृदय से मिलन होता है, साध्वियाँ जब आपस में मिलते हैं तब मन मयूर नाच उठता है। सहवर्ती साध्वियों के साथ शुभकामना गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर तेरापंथ सभा निवर्तमान अध्यक्ष नरेंद्र सुराणा, तेयुप अध्यक्ष पंकज डांगी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष सुरेश बागरेचा आदि ने स्वागत करते हुए मिलन को मनोरम, दुर्लभ एवं प्रेरणादायक बताते हुए विचार रखे। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्‍ति उपस्थित रहे। तेरापंथी सभा सहमंत्री जितेंद्र छाजेड़ ने कार्यक्रम का संचालन किया।