साध्वीप्रमुखाश्रीजी के मनोनयन पर

साध्वीप्रमुखाश्रीजी के मनोनयन पर

वैशाख शुक्ला चतुर्दशी का पुण्य प्रभात
धर्मसंघ के लिए लाया खुशियों की सौगात
पूज्यप्रवर के दीक्षा दिवस पर, मिला तेरापंथ शासन को नया उपहार
नवमी साध्वीप्रमुखाश्री का मनोनयन,
मनभावना दृश्य,
धन्य है चंदेरी की धरा, जिसमें आचार्यश्री तुलसी जैसे अद्भुत रत्न एवं सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति साध्वीप्रमुखाश्री लाडांजी, शासनमाता साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी एवं साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी जैसे दिव्य रत्न धर्मसंघ को भेंट किया।
समादरणीय साध्वीप्रमुखाश्रीजी!
आप गुणों की भंडार हैं, आपकी दीक्षा भी विलक्षण हुई और आपकी प्रतिभा भी विलक्षण है। आपने तीन-तीन गुरुओं से ऊर्जा एवं विश्वास प्राप्त किया। हमने प्रत्यक्ष अनुभव किया, चाड़वास एवं टोहाना मर्यादा महोत्सव पर शासनमाता का लाडनूं में प्रवास और गुरु इंगित से सारा कार्य करवाते और कार्य कौशल आपका विशिष्ट एवं अद्वितीय था।

साध्वी समाज की शान,
हम सबको तुम पर अभिमान,
समता, क्षमता और श्रम निष्ठा ही जिनकी पहचान
चरण लक्ष्य की ओर गतिमान
हर कर्म में जागृति का आह्वान
हर लेती लाखों का मन, जिनके चेहरे की एक मुस्कान
जीवन का प्रत्येक क्षण हो दीप्तिमान।
अस्तु,
प्रणाम उस सृजन चेता को अनमोल सृजन को
नव सृजन की नव प्रभाती
आज उतरे आरती
अर्चना की लो ऋचाएँ समर्पण हे भारती
पा तेरे संकेत
सोना उगले रेत
गुरु से ऊर्जा तुमने पाई
ढेरों ढेर तुम्हें बधाई।।