एक शाम आचार्य महाप्रज्ञ के नाम
दिल्ली।
शासनश्री साध्वी संघमित्रा जी के सान्निध्य में आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 103वें जन्म दिवस पर अणुव्रत भवन में एक भजन संध्या का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के शुभारंभ में शासनश्री साध्वी संधमित्रा जी ने आर्षवाणी का उच्चारण करते हुए आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के महान व्यक्तित्व और कर्तृत्व के बारे में उपस्थित लोगों को बताया। उन्होंने आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी की शिक्षा और अवदानों को जन-जन में व्याप्त करने की प्रेरणा दी। साध्वी शीलप्रभाजी, साध्वी सूरजयशाजी, साध्वी समाधिप्रभा जी व साध्वी ओजस्वीप्रभाजी आदि ने भजन के द्वारा आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के जीवन-दर्शन का वर्णन किया। इस अवसर पर तेरापंथी सभा, दिल्ली के अध्यक्ष सुखराज सेठिया ने उपस्थित सभी का स्वागत करते हुए दशमाधिशास्ता आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के बहुआयामी व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया।
इस अवसर पर सभा गीत का सामुहिक संगान हुआ। तेयुप और महिला मंडल ने पृथक्-पृथक् गीतों के माध्यम से आचार्य महाप्रज्ञजी के प्रति भावांजलि प्रस्तुत की। दिल्ली के सुप्रसिद्ध गायक-गायिकाओं ने अपने सुमधुर गीतों से आचार्य महाप्रज्ञ जी के प्रति अभिवंदना व्यक्त की। श्रेयांश चोरड़िया, सुरेश जैन, रजनी बाफना, अनुराग बोथरा, सुयश बैंगानी, पुलकित खटेड़, मुस्कान सुराणा, प्रवीण बैंगाणी, राकेश चिंडालिया, शर्मिला बरड़िया, राहुल बैद, दीपिका छलाणी, विकास सिंघी, जयसिंह दुगड़, मनोज नाहर, हीरालाल गेलड़ा आदि ने सुंदर प्रस्तुतियाँ दी।
संयोजन ललित श्यामसुखा ने किया। महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने आचार्य महाप्रज्ञ जी के अवदानों को जीवन में उतारने का आह्वान करते हुए दिल्ली सभा के उपक्रमों की जानकारी दी। संगठन मंत्री अशोक संचेती ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में दिल्ली, सभा व क्षेत्रीय सभाओं के साथ अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास, तेरापंथ महिला मंडल, तेयुप, टीपीएफ, अणुव्रत समिति आदि की प्रत्यक्ष और परोक्ष सहभागिता रही। कार्यक्रम अत्यंत प्रभावक और रोचक था। विभिन्न सभा-संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही।