आचार्य महाप्रज्ञ के 103वें जन्म दिवस समारोह के आयोजन
साध्वी गवेषणाश्री जी एवं साध्वी हर्षप्रभा जी के सान्निध्य में आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी की 103वीं जन्म जयंती का कार्यक्रम ‘प्रज्ञा दिवस’ के रूप में मनाया गया। डॉ0 साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि जब धरती पर सत्य की आवश्यकता थी तो आचार्य भिक्षु का अवतरण हुआ। डॉ0 साध्वी हर्षिता जी ने कहा कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी दाख के समान अंदर व बाहर दोनों ओर से नरम थे। गुलाब की पत्तियों की खुशबू की तरह आपका जीवन था। साध्वी रुचिकाश्री जी ने कहा कि 3 शब्द आते हैं-जन्म दिवस, जन्मकल्याणक और जन्म जयंती जो महापुरुषों की मनाई जाती है। सरलता व सहजता, विनम्रता व समर्पण का नाम है-आचार्यश्री महाप्रज्ञ।
कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानशाला के छोटे-छोटे बच्चों व तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुई। साध्वी जिज्ञासाश्री जी ने अपने विचार व्यक्त किए। विधायक पुट राजू ने कहा कि महाप्रज्ञ विश्व की महान हस्ती थी। जीवन-विज्ञान के रूप में जग को महान देन दी है। आगम संपादन कर अलौकिक प्रज्ञा का परिचय दिया। खुशवंत पोरवाल ने विधायक का परिचय दिया। तेयुप सदस्य अशोक पिंटु, विकास राजु, महेश, मनोज, आलोक, मूलचंद चावत, शंकरलाल दक ने साहित्य व शॉल देकर उनका सम्मान किया। साध्वी मेरुप्रभा ने गीत प्रस्तुत किया। साध्वी दक्षप्रभाजी ने व समागत सुरेश पितलिया, मैसूर तेयुप, महिला मंडल ने अभिवंदना की। स्वागत भाषण पांडवपुर के अध्यक्ष गेहरीलाल कटारिया ने दिया। मैसूर से समागत तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश दक, मंत्री महावीर मारू, विक्रम पितलिया, मंडिया से तेरापंथ सभा के अध्यक्ष नरेंद्र दक, कार्यकर्ता विनोद भंसाली, महिला मंडल की अध्यक्ष पुष्पा बाफना, पांडवपुर की तेममं की अध्यक्षा संगीता चावत, स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष अशोक मेहता ने अपने विचार व्यक्त किए। महेश कटारिया ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मयंकप्रभा जी ने किया।