दीक्षार्थी मंगलभावना समारोह

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दीक्षार्थी मंगलभावना समारोह

टिटलागढ़।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मुमुक्षु अनमोल का मंगलभावना समारोह आयोजित हुआ। जनसभा को संबोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि मन में वैराग्य भावना होना भी अपने आपमें अभिनंदनीय है। भौतिक सुविधाओं को त्यागकर संयम में जीने की भावना सौभाग्य की बात है। संयम जीवन को स्वीकार कर अपने जीवन को धन्य बनाऊँ ऐसा भाव आना ही सौभाग्य है। मुमुक्षु अनमोल ने ये परम शांति का पथ चुना है। इससे अच्छा और कोई मार्ग नहीं है। साधना का मार्ग अपने आपमें कठिन होता है, लेकिन मन का संयमी व्यक्ति ही ये पथ अपनाता है। साधु बनना अपने आपमें सौभाग्य की बात है। टिटलागढ़ दीक्षा का गढ़ बन जाए। भगवान महावीर स्वामी के बताए मार्ग पर आगे बढ़े एवं अपना आत्मकल्याण करें। मुमुक्षु अनमोल ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप में आगे बढ़ती रहें, यही मंगलकामना।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि मुमुक्ष अनमोल अपने जीवन में अनमोल कार्य करने जा रही है। दीक्षा लेना कोई बड़ी बात नहीं है। दीक्षा लेने के बाद साधुत्व का भाव भीतर में रहना चाहिए। आत्मा की पवित्रता के प्रति कदम बढ़ते रहें। धन्य हैं वे माता-पिता जो अपने बच्चों को संस्कार देने के साथ-साथ उसे दीक्षित होने की आज्ञा प्रदान करते हैं। अपने लक्ष्य के प्रति जागरूकता, गुरु के प्रति समर्पण आत्मनिष्ठा का भाव अपनी साधना को सदैव उज्ज्वल बनाएगा।
दीक्षार्थीनी अनमोल ने कहा कि भगवान महावीर ने सर्वोत्तम मार्ग संयम बताया। संसार में सुख-सुविधा मनोरंजन के साधन हैं। ये सारे शरीर एवं मन को सुख देते हैं, लेकिन कितने जीवों को पीड़ा पहुँचाकर ये संयम का मार्ग अंगीकार करना दुर्लभ है। ये अभिनंदन त्याग का संयम का है। चारित्रात्माओं ने सदैव मेरा उत्साह बढ़ाया। मैं सभी से क्षमायाचना करती हूँ। कार्यक्रम का शुभारंभ स्नेहा जैन के मंगलाचरण से हुआ। तेयुप अध्यक्ष संजय जैन, सभा मंत्री गौतम जैन, भूपेंद्र जैन, प्रांतीय सभा अध्यक्ष मुकेश जैन, टीपीएफ अध्यक्ष आशीष जैन, महासभा आंचलिक प्रभारी छत्रपाल जैन, महिला मंडल अध्यक्षा सरोज जैन, सुमन जैन ने वक्तव्य के द्वारा मंगलकामनाएँ प्रस्तुत की। महिला मंडल ने सामुहिक गीत का संगान किया।