आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी एक महान अध्यात्म योगी थे
टिटिलागढ़।
आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 103वाँ जन्म दिवस मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मनाया गया। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी एक महान अध्यात्म योगी संत थे। वर्षों की उनकी योग साधना अत्यंत गहन थी। उनकी अंतःप्रज्ञा जागृत थी। आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के साहित्य का एक विशाल पाठक संसार है, जो देश के हर भू-भाग में फैला हुआ है। उनका साहित्य पढ़ने वाले चाहे साहित्यकार हो, राजनीतिज्ञ हो, वैज्ञानिक हो या अन्य कोई भी हर किसी को ऐसा महसूस होता है कि यह पुस्तक जैसे मेरे लिए ही लिखी गई है। मुनि मुदित कुमार जी ने कहा कि खुले आकाश में जन्म लेने वाले बालक नत्थु ने खुले आकाश जैसी ही विराटता को प्राप्त किया। मुनिश्री के मंगल मंत्रोच्चार से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। करिश्मा जैन, बगुमुंडा से केशवनारायण जैन, कृष्णा जैन, आनंद जैन, रूपचंद जैन, निर्मल चौधरी, ओमप्रकाश जैन ने गीत एवं वक्तव्य के द्वारा भावाभिव्यक्ति प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन मुनि कुमुद कुमार जी ने किया।