आचार्यश्री तुलसी आध्यात्मिक संस्कृति के उन्नायक थे

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आचार्यश्री तुलसी आध्यात्मिक संस्कृति के उन्नायक थे

गांधीनगर।
तेरापंथ भवन में शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने कहा कि आज तेरापंथ धर्मसंघ के नवमें अधिशास्ता मानवता के मसीहा राष्ट्रसंत आचार्यश्री तुलसी का महाप्रयाण दिवस है। आचार्यश्री तुलसी मात्र 22 वर्ष की उम्र में धर्मसंघ में अष्टम् आचार्य श्री कालूगणी द्वारा आचार्य पद पर मनोनीत किए गए। उन्होंने 58 वर्ष तक विशाल धर्मसंघ का विलक्षण नेतृत्व किया। आचार्यश्री तुलसी का जीवन महान ग्रंथ है, जिनके हर पृष्ठ का एक-एक अक्षर स्वर्ण जड़ित है। हम उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शासनश्री साध्वी मंजुरेखाजी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के लगभग 750 साधु-साध्वियाँ एक आचार्य की अनुशासना में समर्पित हैं, वह सभी प्रबुद्ध हैं। साध्वी उदितप्रभाजी, साध्वी निर्भयप्रभाजी, साध्वी चेलनाश्री जी ने अपने आराध्य के प्रति भावांजलि दी। सभा अध्यक्ष सुरेश दक ने स्वागत वक्तव्य दिया। सभा नव निर्वाचित अध्यक्ष कमल दुगड़, ट्रस्ट उपाध्यक्ष माणक मूथा, महासभा से प्रकाश लोढ़ा, पारमार्थिक शिक्षण संस्था अध्यक्ष बजरंग जैन, अणुविभा संगठन मंत्री कन्हैयालाल चिप्पड़, महिला मंडल गांधीनगर अध्यक्षा स्वर्णमाला पोखरणा, टी-दासरहल्ली अध्यक्षा रेखा मेहर, अणुव्रत समिति मंत्री माणक संचेती, तेयुप टी-दासरहल्ली अध्यक्ष दिलीप पोखरणा सहित अनेक गणमान्य जनों ने भाव व्यक्त किए। महिला मंडल बहनों ने संवाद प्रस्तुत किया। जिसका संचालन महिला मंडल मंत्री सरस्वती बाफना ने किया। कार्यक्रम का संचालन नवनीत मूथा ने किया। इस अवसर पर बैंगलोर के अनेकों क्षेत्रों से श्रावक-श्राविका समाज उपस्थित रहे।