चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन
सुनाम (पंजाब)
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कमार जी, मुनि अमन कमार जी, मुनि नमि कुमार जी ने प्रातः तेरापंथ सभा के अध्यक्ष रामस्वरूप के निवास स्थान से विहार कर अणुव्रत भवन में चातुर्मास के लिए प्रवेश किया। मुनिश्री मंत्र जाप करने के पश्चात कार्यक्रम स्थल बाबा चिरंगीशाह हाल पधारे। वहाँ विशाल जनसमुह को संबोधित करते हुए कहा कि चतुर्मास काल में अधिक से अधिक धर्माराधना हो, ज्ञान-दर्शन, चारित्र तप की आराधना हो। जिससे कर्म निर्जरा के साथ धर्मसंघ की प्रभावना हो सके। मुनिश्री ने कहा कि आज मुझे प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है कि गुरुदेव की असीम कृपा और मौसम की अनुकूलता के कारण हम समय पर चतुर्मास के लिए पहुँच गए।
इस अवसर पर संस्था शिरोमणी महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया भी अपने सहयोगी कुलदीप सुराणा और मनोज गोलछा के साथ सामायिक पूर्वक लाभ ले रहे हैं। इस अवसर पर मुनि नमि कुमार जी ने अपना वक्तव्य देते हुए नौ दिन की तपस्याका प्रत्याख्यान किया। कार्यक्रम में मनसुख सेठिया, कुलदीप सुराणा, केवल गोयल, मक्खनलाल गोयल, रामस्वरूप जैन, देसराज जैन, अशोक जैन, बलदेव जैन, प्रवीण गोयल, विनोद कालड़ा, डॉ0 योगेश जैन, रमेश जैन, प्रबोध जैन, विजय गोयल, अरिहंत गोयल, राम गोयल ने अपने विचार व्यक्त किए। शासनश्री साध्वी सोमलता जी के विचारों को अरिहंत गोयल ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में लुधियाना, अहमदगढ़, नामा लहरा, चंडीगढ़, बरेटा, बुढ़लाढ़ा, मानसा, भीखी, भटिंडा, पातड़ा, समाणा, बरनाला, धनौला, बड़बड़, भवानीगढ़, लोंगोवाल, यमुनानगर, सिरसा, पंचकूला आदि के भाई-बहन उपस्थित हुए।