अहिंसा रैली से हुआ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश
जसोल।
अहिंसा रैली के साथ शासनश्री साध्वी सत्यप्रभा जी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ। साध्वीश्री जी के मंगल प्रवेश पर तेरापंथ सभा, तेयुप, महिला मंडल, कन्या मंडल एवं किशोर मंडल की ओर से स्वागत किया गया। रैली बस स्टैंड रोड, अणुव्रत द्वार से रवाना होकर मुख्य मार्गों से होते हुए पुराना ओसवाल भवन पहुँची। स्वागत कार्यक्रम में शासनश्री साध्वी सत्यप्रभाजी ने कहा कि संत-ऋषियों की यह भारत भूमि, जहाँ अनेक तपस्वी संतों ने इस धरा का गौरव बढ़ाया। नगर में संतों के आगमन से मनरूपी बसंत खिलता है। साध्वीश्री जी ने कहा कि विश्वकल्याण की सोच के साथ प्रेम, मैत्री, करुणा व अहिंसा का पथदर्शन संतों के सौभाग्य से ही मिलता है।
शासनश्री साध्वी कमलप्रभा जी ने मंगल प्रवेश शब्द की व्याख्या करते हुए ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की विशेष आराधना के लिए आह्वान किया। साध्वी प्रियदर्शना जी एवं साध्वीवृंद ने सामुहिक गीतिका का संगान किया। साध्वी ध्यानप्रभा जी, साध्वी श्रुतप्रभा जी एवं साध्वी यशस्वीप्रभाजी ने सामुहिक गीतिका का संगान किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के द्वारा मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ सभा अध्यक्ष उषभराज ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तरुण गुंदेचा मुंबई, डूंगरचंद सालेचा, गौतमचंद सालेचा, तेयुप अध्यक्ष तरुण भंसाली, शंकरलाल ढेलड़िया, माणकचंद संकलेचा, जितेंद्र सालेचा, ज्ञानशाला प्रभारी पुष्पादेवी बुरड़, कन्या मंडल उप-संयोजिका कुनिका बाघमार सहित प्रबुद्ध वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। तेममं एवं तेरापंथ कन्या मंडल द्वारा अलग-अलग सामुहिक गीतिका का संगान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री कांतिलाल ढेलड़िया ने किया।