चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के आयोजन
विशाखापट्टनम्
गुरु आज्ञानुसार मुनि दीप कुमार जी ने अपने सहवर्ती संत बालमुनि काव्य कुमार जी के साथ तेरापंथ भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया। डाबा गार्डन से कुलदीप धाड़ेवा के मकान से जुलूस के रूप में होती हुई तेरापंथ भवन में रैली सभा के रूप में परिवर्तित हो गई। जहाँ मुनिश्री का स्वागत समारोह आयोजित हुआ। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि इस समय जैसे आकाश में बादल मँडराते हुए दिखाई देते हैं, तो लोगों के हृदय प्रफुल्लित हो जाते हैं। उसी प्रकार इस समय संतजन आचार्यप्रवर द्वारा निर्धारित क्षेत्र में चातुर्मासिक प्रवेश करते हैं तो श्रावक समाम में नए उल्लास और विश्वास का सृजन होता है। गुरु आज्ञा से हम दोनों संत यहाँ चातुर्मास के लिए आए हैं। गुरुदेव की कृपा से चातुर्मास में खूब त्याग-तपमय वातावरण बने।
मुनिश्री ने आगे कहा कि चातुर्मास का समय धर्म के मुख्य सीजन का होता है। इस समय अधिक से अधिक धर्म का रंग खिलना चाहिए। बाल मुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि चातुर्मास में संतजन गुरु आज्ञा से धर्म की गंगा प्रवाहित करते हैं। जिसमें श्रद्धालुजन डुबकी लगाकर धर्म का सही स्वरूप समझते हैं। विशाखापट्टनम् को मुनि दीप कुमार जी स्वामी का चातुर्मास प्राप्त हुआ है, गुरु कृपा से इसका पूरा-पूरा लाभ उठाएँ। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल की बहनों के मंगलाचरण से हुआ। तेममं की बहनों ने एवं तेयुप के युवकों ने अलग-अलग स्वागत गीत का संगान किया। तेममं अध्यक्षा वंदना विनायकिया, तेयुप अध्यक्ष राजेश सुराणा, अभातेयुप सदस्य ऋषी सुराणा, कमल बैद आदि ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किए। ज्ञानशाला के बच्चों ने सुंदर संवाद प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन सभा उपाध्यक्ष विनोद बैद ने किया।