तेरापंथ स्थापना दिवस के विविध आयोजन

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तेरापंथ स्थापना दिवस के विविध आयोजन

भीलवाड़ा
तेरापंथ भवन, भीलवाड़ा में डॉ0 साध्वी परमयशाजी के सान्निध्य में 263वाँ तेरापंथ स्थापना दिवस का समायोजन हुआ। डॉ0 साध्वी परमयशाजी ने कहा कि तेरापंथ के इतिहास में आज का दिन महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि आज के दिन हमें एक महान गुरु मिले। वे एक अपराजेय व्यक्तित्व के धनी थे। वो किसी कॉलेज में नॉलेज लेने नहीं गए फिर भी वे एक महान साहित्यकार थे, जिन्होंने 38 हजार पद्य का सृजन किया था। अध्यात्म साधना के पर्याय प्रणेता थे आचार्य भिक्षु।
साध्वी मुक्ताप्रभाजी ने भी अपने आराध्य के प्रति अपनी भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वीवृंद ने गीत की स्वर लहरियों और तेरापंथ कहता है मर्यादा, अनुशासन और समर्पण में रहो का लघु संवाद की प्रस्तुति दी। यशा, महिला मंडल, राजलदेसर- दिल्ली से समागत कमल दुगड़, अनिल बुच्चा, सुरेश चिप्पड़ ने भी अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम में संजय, वणिता बाणावत ने अपनी मधुरिम स्वर लहरियों के साथ कार्यक्रम को भिक्षुमय बना दिया।