रूपांतरण शिल्पशाला का आयोजन
तिरुपुर।
अभातेममं के तत्त्वावधान में तेममं द्वारा रूपांतरण शिल्पशाला के अंतर्गत ‘जानें, समझें और करें प्रतिक्रमण, ना हो हमसे फिर कोई अतिक्रमण’ पर कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया। कार्यशाला का प्रारंभ प्रेरणा गीत द्वारा किया गया। प्रतिक्रमण विषय पर बहनों द्वारा गीत की प्रस्तुति दी गई। अध्यक्षा सीमा सामसुखा ने सभी का स्वागत किया। कार्यशाला की मुख्य वक्ता उपासिका संजू दुगड़ रही। उन्होंने बताया जाने-अनजाने हमारे द्वारा किए गए कृत पापों की आलोचना करना प्रतिक्रमण कहलाता है। प्रतिक्रमण हमारी आत्मा का स्नान है, आत्मा को निर्मल बनाने के लिए प्रतिक्रमण रोजाना करना चाहिए। प्रतिक्रमण के छह आवश्यकों के महत्त्व एवं लाभ के बारे में प्रेरणा कोठारी, रंजना भंसाली, रेखा चोरड़िया, श्वेता कोठारी, नीता सिंघवी ने विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार ज्ञापन मंत्री प्रीति भंडारी ने किया।