प्रतिक्रमण को अपनाएँ

गुरुवाणी/ केन्द्र

प्रतिक्रमण को अपनाएँ

भीलवाड़ा।
अभातेममं के निर्देशन में तेममं द्वारा डॉ0 साध्वी परमयशा जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन नागौरी गार्डन में रूपांतरण शिल्पशाला ‘प्रतिक्रमण’ जाने, समझे और करें प्रतिक्रमण, न हो हमसे फिर कोई अतिक्रमण’ आयोजित की गई। डॉ0 साध्वी परमयशाजी ने कहा कि प्रतिक्रमण हमारा कल्याण मित्र बनकर हमारे जीवन को निखारता है। प्रतिक्रमण आध्यात्मिक विकास एवं जीवन उत्थान की पुंजी है।
साध्वीश्री जी ने कहा कि प्रतिक्रमण शुद्ध स्पष्ट लयबद्ध उच्चारण और अर्थ बोध के साथ करना चाहिए। कार्यक्रम में तेममं अध्यक्षा मीना बाबेल ने उपस्थित श्रावक समाज का स्वागत करते हुए प्रतिक्रमण की महत्ता बताई। महिला मंडल ने सुमधुर सामूहिक गीतिका द्वारा मंगलाचरण से कार्यक्रम की शुरुआत की। साध्वीवृंद ने प्राकृत, संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी इन चार भाषाओं में मधुरिम स्वर लहरियों के साथ गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन रेणु चोरड़िया ने किया। आभार ज्ञापन प्रेक्षा मेहता ने किया।