दंपति कार्यशाला का आयोजन

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दंपति कार्यशाला का आयोजन

चेन्नई।
तेममं के तत्त्वावधान में और साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में आयोजित दंपति कार्यशाला को संबोधित करते हुए साध्वीश्री जी ने कहा कि लक्ष्य के साथ जीना आनंद प्रदान करता है। पति-पत्नी परिवार की धूरी और केंद्र होते हैं। बिना सशक्त दंपति रूपी पहिए के परिवार रूपी रथ चल नहीं सकता। एक-दूसरे का व्यवहार सामंजस्यपूर्ण और सौहार्द भरा हो। अपने मधुर अनुभवों को शेयर करें और अच्छी जिंदगी के लिए सोच-समझकर कदम बढ़ाएँ। साध्वीश्री जी ने कहा कि आनंद में जीवन जीने के लिए पहला महत्त्वपूर्ण सूत्र है एक-दूसरे को सहन करें। एक-दूसरे को सहयोग करें, खुशहाली बाँटें, दंपतियों की जिम्मेदारी है अपनी भावी पीढ़ी को संस्कारी बनाएँ।
एक-दूसरे की समस्याओं को समाहित करना सीखें, हौसलों को कमजोर ना होने दें। पारस्परिक गुणगान भी रिश्ते में मधुरता बनाए रखता है। कार्यशाला का प्रारंभ महिला मंडल के संगान से हुआ। स्वागत भाषण महिला मंडल की अध्यक्ष पुष्पा हिरण ने किया। मुख्य वक्ता अनीता चोपड़ा और बबीता चोपड़ा ने पारस्परिक मनोरंजन वार्तालाप के द्वारा कुछ टिप्स देकर अपनी बात साझा की। साध्वी डॉ0 राजुलप्रभाजी ने कहा कि प्राप्त भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति को हावी ना होने दें। साध्वी सिद्धियशा जी ने कहा कि दंपति परस्पर एक-दूसरे को सहन करें, रिश्तों में कड़वाहट की दीमक ना लगने दें। दीपक बनकर रोशन करें। साध्वीवृंद द्वारा गीत की प्रस्तुति दी गई। साध्वी शौर्यप्रभाजी ने कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन किया।
दूसरे सत्र का संचालन तेरापंथ महिला मंडल मंत्री रीमा सिंघवी ने किया। कार्यक्रम की संयोजिका रानी मांडोत एवं सुमन बोहरा का कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग रहा। सभी पदाधिकारीगण एवं कार्यसमिति सदस्य का भी भरपूर सहयोग मिला। धन्यवाद ज्ञापन प्रचार-प्रसार मंत्री रानी मांडोत ने किया।