मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

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मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

किशनगंज
साध्वी संगीतश्री जी के सान्निध्य में स्थानीय तेरापंथ भवन में सुमन सुराणा के मासखमण की तपस्या का तपोभिनंदन समारोह मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल के मंगल गीत से हुआ। तप के द्वारा अपने परिवार का और तेरापंथ धर्मसंघ का नाम स्वर्ण अक्षरों से अंकित करने वाली बहन सुमन के परिवार वालों ने गीतिका, पुत्री ने कविता एवं तारा देवी पुगलिया ने गीतिका के माध्यम से तपस्वी बहन का अभिनंदन किया।
साध्वी संगीतश्री जी ने कहा कि भारतीय दर्शन तीन धाराओं में विकसित है-वैदिक दर्शन में हठयोग, बौद्ध दर्शन में अष्टांग और जैन दर्शन में तपोयोग का महत्त्व है। तपस्या आत्मशुद्धि का महान साधन है। तपस्या के लिए संकल्प बल मजबूत होना चाहिए। तपस्विनी सुमन का संकल्प बेजोड़ है। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी का संदेश इनके लिए छत्र बना है। हम तप की मंगलकामना शुभकामना करते हैं कि आप तप में उत्तरोत्तर आगे बढ़ती रहें, कुल और संघ का नाम रोशन करती रहें। इसी क्रम साध्वीवृंद ने तपस्वी बहन सुमन के तप की अनुमोदना की।
स्थानीय सभा के अध्यक्ष विमल दफ्तरी, सभा के संरक्षक राजकरण दफ्तरी, महिला मंडल की अध्यक्षा संतोष दुगड़, तेयुप के मंत्री दिलीप सेठिया, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष संजय बैद, नेपाल-बिहार झारखंड के उपाध्यक्ष चैनरूप दुगड़, दिगंबर जैन समाज के विशिष्ट श्रावक त्रिलोकचंद जैन, मारवाड़ी युवा मंच के दिनेश पारीक, कमल कोठारी सभी ने तपस्वी बहन के अभिनंदन में अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने तपस्वी बहन को आशीर्वाद स्वरूप संदेश का वाचन सभा के मंत्री अजय बैद ने किया। इसके बाद स्थानीय सभा, महिला मंडल, अणुव्रत समिति, ज्ञानशाला ने तपस्वी बहन को अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया एवं तप की अनुमोदना की। तप के इसी क्रम में अब तक दो मासखमण, तीन पखवाड़े, दो नौ, तीन अठाई, दो सौ तेले अब तक शिखर चढ़ चुके हैं। पचरंगी एवं अन्य तपस्या प्रवर्धमान है। इस अभिनंदन समारोह का संचालन कमल छोरिया ने किया।