रक्षाबंधन कार्यशाला के आयोजन
जोधपुर
शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी के सान्निध्य में तेयुप के तत्त्वावधान में ‘रक्षा बंधन कार्यशाला’ का आयोजन तेरापंथ भवन (जाटावास) में किया गया। साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि रक्षा बंधन में अपनी आत्मा की रक्षा करनी चाहिए। यह पर्व भाई-बहनों के प्रेम, सौहार्द, पवित्रता एवं उल्लास का प्रतीक है। भाई का विकास सदैव बहनों को संबल देता है, बहन की ममता, स्नेह, मंगलभावना भाई को नव-जीवन प्रदान करती है। जिसे उम्र के हर पड़ाव पर महसूस किया जाता है। हर भाई को अपनी स्त्री के सिवाय जगत की सभी स्त्रियों को बहन समझना चाहिए एवं संकटकालीन स्थिति में उसकी रक्षा करना भाई का कर्तव्य है। भाई-बहन का यह पवित्र प्रेम कायम रहे। रिश्तों के कच्चे धागे मजबूत बनें। प्रेम सौहार्द की सरिता प्रवाहित रहे। यह राखी प्यार की, विश्वास की, मुस्कान की, सम्मान की राखी है तथा क्षमा की राखी है। साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी सुमंगला जी ने विचार प्रस्तुत किए। तेयुप मंत्री विनोद सुराणा ने स्वागत भाषण दिया। अभातेयुप के पूर्वाध्यक्ष मर्यादा कोठारी एवं ऋषभ श्यामसुखा ने जैन संस्कार विधि से मंत्रोच्चार करवाया। तेयुप के सदस्य कमल, श्रेणिक, अभिषेक सुराणा ने विजय गीत से मंगलाचरण किया। कार्यक्रम का संचालन तरुण समदड़िया ने किया।