रक्षाबंधन कार्यशाला के आयोजन
कांदिवली
साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में रक्षाबंधन कार्यशाला नए अंदाज में परिसंपन्न हुई। साध्वीश्रीजी ने कहा कि राखी भारतीय संस्कृति का एक पवित्र त्योहार है, इसका अपना विशेष महत्त्व है। भगवान महावीर ने कहा कि तुम अपनी आत्मा की सतत रक्षा करते हुए गतिमान रहो। रक्षाबंधन कार्यशाला में उपस्थित संभागियों को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभाजी ने कहा कि सुसमाहित इंद्रियों के द्वारा हम अपनी रक्षा करें। इंद्रियों और मन की लगाम जब आत्मा के पास होगी, आत्मरक्षा हो जाएगी। साध्वीवृंद ने समवेत स्वर में रक्षाबंधन के गीत का संगान किया।
जैन संस्कार विधि से विधिवत जानकारी देते हुए सौरभ दुधेड़िया, पारसमल दुगड़, तोलाराम छाजेड़ ने मंत्रोच्चार आदि विधि की। इस अवसर पर तेरापंथी सभा, मुंबई की वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुमुद कच्छारा, चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के महामंत्री सुरेंद्र कोठारी, अभातेयुप के सहमंत्री भूपेश कोठारी आदि ने अपने उद्गार व्यक्त किए। तेममं, कांदिवली की ओर से कन्याओं ने राखी बांधकर रक्षाबंधन मनाया। साध्वीश्री जी की ओर से 13 राखियों का उपहार समवेत रूप से सबको दिया गया। कांदिवली संयोजिका नीतू नाहटा ने कृतज्ञता ज्ञापित की। इस अवसर पर लगभग 300 से अधिक भाई-बहिनों ने 1000 राखियाँ त्याग और नियम की स्वीकार की।