रूपांतरण शिल्पशाला प्रतिक्रमण
कांटाबाजी (ओडिशा)।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में रूपांतरण शिल्पशाला का प्रतिक्रमण आधारित कार्यशाला महिला मंडल द्वारा आयोजित हुई। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि भगवान महावीर ने हमें जो मार्ग बताया वह है मुक्ति का। दो रास्ते हैं इसमें एक है मुक्ति की ओर ले जाने वाला जिसमें जन्म-मरण का चक्र कम होते-होते मुक्ति जल्दी हो जाती है। दूसरा जन्म-मरण को बढ़ाने वाला उससे मोक्ष दूर हो जाता है। मोक्ष में शाश्वत सुख है। सभी प्राणी सुख चाहते हैं वास्तविक सुख मिलता है मोक्ष में। मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि प्रतिक्रमण है आत्मशुद्धि की प्रक्रिया है। अपने मन, भाव एवं आत्मा को पवित्र बनाने के साथ हलुकर्मी करने की साधना हमारे जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। सुनिता एन ने विषय प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन जयमाला छापड़िया ने किया। आभार ज्ञापन वंदना अग्रवाल ने किया।