ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम

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ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम

उदयपुर
मुनि सुरेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा द्वारा ज्ञानशाला दिवस तेरापंथ भवन बिजोलिया हाउस में मनाया गया। जिसमें 72 बच्चों ने भाग लिया। ज्ञानशाला गीत के आगाज से शुरू हुए कार्यक्रम में मुनि सुरेश कुमार जी ने कहा कि बच्चे कच्ची सुराही की तरह होते हैं। उन्हें जिस आकृति में ढालें वह उसी आकार में ढल जाते हैं। ज्ञानशाला आज की भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच सबसे अहम जरूरत है। मुनि संबोध कुमार जी ‘मेघांश’ ने कहा कि मुस्कुराते बच्चे किसी स्वर्ग का एहसास देते हैं। अब दादा-दादी, नाना-नानियों का दौर गुम हो गया, जब कहानियाँ संस्कार परोसती थीं, अब ज्ञानशाला ही विकल्प है।
मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आई0ए0एस अधिकारी सुमति लाल बोहरा ने कहा कि तेरापंथ ने समूचे विश्व में जैन धर्म को परिभाषित किया है। कार्यक्रम में नन्हे-नन्हे ज्ञानार्थियों ने रोमांचक परिसंवाद तथा एक्शन सॉन्ग की भी प्रस्तुति दी। स्वागत ज्ञानशाला संरक्षक फतहलाल जैन ने किया। तेयुप उपाध्यक्ष नाहटा ने अपने विचार प्रस्तुत किए। आभार ज्ञापन ज्ञानशाला संयोजिका सुनीता बैंगानी ने किया। कार्यक्रम में सभा सहमंत्री महेश पोरवाल, तेयुप अध्यक्ष अक्षय बड़ाला, महिला मंडल अध्यक्षा सीमा पोरवाल, ज्ञानशाला सह-संयोजिकाएँ सुनिता नंदावत, प्रतिभा इंटोदिया, बसंत कंठालिया एवं अन्य 14 प्रशिक्षिकाएँ उपस्थित रही। कार्यक्रम का संयोजन संगीता पोरवाल ने किया।