ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम
पीलीबंगा
साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव और ज्ञानशाला दिवस का आयोजन किया गया। साध्वीश्री जी ने कहा कि तेरापंथ र्ध्मासंघ को युग के अनुरूप आचार्यों का नेतृत्व मिला है। साध्वीश्री जी ने कहानी के माध्यम से बताया कि सही समय पर दिया गया प्रशिक्षण व्यक्ति को बदल देता है। ज्ञानशाला में प्रशिक्षिकाएँ बच्चों को प्रशिक्षण देती हैं। बच्चे कच्चे घड़े के समान हैं। उन्हें आप जैसे ढालेंगे वैसे ही ढल जाएँगे। ज्ञानशाला में प्रशिक्षिकाओं को जोड़ने की दृष्टि से वर्तमान प्रशिक्षिकाओं ने संवाद प्रस्तुत किया।
साध्वी चैतन्यप्रभाजी ने कहा कि आप अपने बच्चों को कार दे या ना दें पर संस्कार अवश्य दें। इसके लिए ज्ञानशाला अवश्य भेजें। साध्वी कौशल्यप्रभाजी ने गीत का संगान किया। साध्वी गीतार्थप्रभाजी ने अपने विचार व्यक्त किए। सभा के मंत्री प्रकाश डाकलिया, तेयुप अध्यक्ष सतीश पुगलिया, तेममं अध्यक्षा विनोद छाजेड़, प्रेम नाहटा ने अपने विचार व्यक्त किए। बच्चों के वर्षभर की प्रतिभाओं का सम्मान किया। प्रातःकालीन सत्र में प्रीति डाकलिया ने मंगलाचरण और निशा छाजेड़ ने संयोजन किया। रात्रिकालीन सत्र में प्रतिभा दुगड़ ने कार्यक्रम का संचालन किया।