तेरापंथ स्थापना दिवस के विविध आयोजन
राजाराजेश्वरी नगर
शासनश्री साध्वी शिवमाला जी के सान्निध्य में जप-तप-त्याग के साथ चातुर्मासिक आराधना का शुभारंभ हुआ। शासनश्री साध्वी शिवमाला जी ने कहा कि जैन धर्म अनादिकालीन है जिसकी कोई आदि नहीं है। परंतु आज के दिन तेरापंथ की स्थापना हुई इसलिए विक्रम संवत् 1817 आषाढ़ शुक्ला पूर्णिमा का दिन आदिकाल है। साध्वी अमितरेखाजी ने कहा कि जैन श्रमण अहिंसा के पुजारी होते हैं। मुनि की संपूर्ण जीवन चर्या अहिंसा प्रधान है। आज के दिन आचार्य भिक्षु ने भाव दीक्षा स्वीकार कर तेरापंथ की स्थापना की।