तेरापंथ स्थापना दिवस
बोइनपल्ली
तेरापंथ स्थापना दिवस पर साध्वी मधुस्मिता जी ने कहा कि आचार्यश्री भिक्षु सत्य के महान खोजी थे। सत्य की खोज के लिए ही उन्होंने बार-बार आगमों का स्वाध्याय किया। वे शास्त्रों में निहित सच्चाई को जीवन में देखना चाहते थे। उस सत्य का दर्शन होने पर उन्होंने नई धर्म क्रांति की। आचार्य भिक्षु ने अनुशासन को संगठन का अनिवार्य पहलु बताया था। जिस पर उन्होंने कहा कि आत्मशुद्धि के लिए अनुशासन जितना जरूरी है, वैसे ही संगठन की दृढ़ता के लिए भी उसका उतना ही मूल्य है।
कार्यक्रम की शुरुआत तेममं, बोइनपल्ली के मंगलाचरण से की गई। विनोद बैद, टीपीएफ के सहमंत्री वीरेंद्र घोषल एवं साध्वी भव्ययशा जी ने अपने विचार अभिव्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी स्वस्थप्रभा जी ने किया। सतीश दुगड़ ने आभार ज्ञापन करते हुए साध्वीश्री जी के प्रति प्रमोद भावना प्रकट की।