चार पचरंगी के अभिनंदन संग सतरंगी गतिमान

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चार पचरंगी के अभिनंदन संग सतरंगी गतिमान

उत्तर हावड़ा।
साध्वी स्वर्णरेखा जी के सान्निध्य में पचरंगी तपोभिनंदन मनाया गया। पचरंगी तप में लगभग 120 व्यक्तियों ने बेले से ऊपर की तपस्या कर अपनी आहूति दी। साध्वी श्री जी ने कहा कि साधना जीवन की एक प्रक्रिया है जो मन की शुद्धि के साथ दृष्टि की शुद्धि करती हुई व्यक्ति को आध्यात्मिक एवं व्यवहारिक बना देती हैं। साधना की शृंखला में जैन धर्म में तप को भी आत्मशुद्धि का हेतु माना गया है। इस अवसर पर उत्तर हावड़ा पावस प्रवास के संयोजक बुधमल लुणिया, स्थानीय सभाध्यक्ष राकेश संचेती, सभा मंत्री सुरेंद्र बोथरा ने तपस्वियों का स्वागत वक्तव्य के माध्यम से किया। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ तथा संचालन महिला मंडल अध्यक्ष अलका सुराणा ने किया।