महिला मंडल के विविध आयोजन

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महिला मंडल के विविध आयोजन

राजराजेश्वरी नगर
शासनश्री साध्वी शिवमाला जी के सान्निध्य में तेममं आर0आर0 नगर के तत्त्वावधान में रूपांतरण शिल्पशाला का ‘शुक्ल’ पर कार्यशाला आयोजित की गई। साध्वीश्री जी ने शुक्ल का अर्थ बताया-पवित्रता। जिसमें जितनी पवित्रता होगी वह उतना ही शुक्ल होगा। मन जितना पवित्र होगा उसका आभामंडल उतना ही पवित्र होगा तथा दूसरों को भी उस आभामंडल में शुक्लता का अहसास होगा। यही कारण है चारित्रात्माओं की उपस्थिति का एक अलग ही प्रभाव होता है, क्योंकि उनके आभामंडल से श्रावकों को एक अलौकिक शक्ति का अनुभव होता है।
मंत्र-जप के द्वारा लब्धियाँ एवं शक्तियाँ प्राप्त होती हैं, विचारों में पवित्रता आती है, दूषित विचारों का नाश होता है। जहाँ शुद्धता होती है वहाँ पवित्रता होती है, धर्म का वास होता है। धर्म वहीं ठहरता है। मंत्री सीमा छाजेड़ ने आभार व्यक्त किया। शासनश्री साध्वी शिवमाला जी के सान्निध्य में तेममं द्वारा रूपांतरण तेजः पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ महिला मंडल की बहन हेमलता सुराणा ने पार्श्व स्तुति से की। उपाध्यक्ष शोभा बोथरा ने सभी का स्वागत किया। साध्वी अमितरेखा जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। साध्वी अमितरेखा जी ने कहा कि मंगलभावना के शब्द में तेजः शब्द आता है। तेज से मनोबल, वचनबल और कायबल प्रबल होता है। तपस्या से तेज शक्ति बढ़ती है। आदमी जितना साहस करता है, शक्ति और तेज संपन्न बनता है। जप से शक्ति और तेज बढ़ता है। आभार ममता दुगड़ ने व्यक्त किया। कार्यशाला का संचालन सीमा जैन ने किया।