तेयुप के विविध कार्यक्रमों के आयोजन
कांटाबाजी
मुनि प्रशांत कुमार जी एवं मुनि कुमुद कुमार जी के प्रयास से तेयुप द्वारा सामूहिक एकासन तप साधना के साथ मंत्र अनुष्ठान का आयोजन हुआ। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि आध्यात्मिक जीवन में कर्म बंध एवं निर्जरा का क्रम चलता है। कर्मों को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार से साधना करनी चाहिए। आध्यात्मिकता से कर्म की निर्जरा होती है। जप, ध्यान एवं तपस्या से कई कर्म दूर होते हैं।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि शरीर बल, बुद्धिबल से अधिक महत्त्वपूर्ण है-आत्मबल। आत्मबल जागृत होता है जप एवं तप के द्वारा। मीडिया प्रभारी अविनाश जैन ने बताया कि 250 साधकों ने मंत्र, अनुष्ठान एवं एकासन की साधना की। उपाध्यक्ष दीपक जैन ने विचार प्रस्तुत किए। एकासन एवं मंत्र अनुष्ठान ऋषभ जैन एवं बिमल जैन के संयोजन में आयोजित हुआ। तेयुप अध्यक्ष अंकित जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।