अध्यात्म साधना का महत्त्वपूर्ण समय है चातुर्मास

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अध्यात्म साधना का महत्त्वपूर्ण समय है चातुर्मास

चेन्‍नई
माधावरम के जैन तेरापंथ नगर की पुण्य धरा पर आज भी पूज्यप्रवर के ऊर्जामय परमाणुओं का अनुभव हो रहा है। माधावरम, चेन्‍नई का तीर्थस्थल कहा जा सकता है। इस तीर्थ भूमि में हमारा 81 दिन का प्रवास आरोग्यवरदायी, साताकरी रहा। उपरोक्‍त विचार मंगल विहार से पूर्व मंगलभावना समारोह में साध्वी अणिमाश्री जी ने कहे। साध्वीश्री जी ने कहा कि श्रावक समाज न केवल यहाँ का, बल्कि संपूर्ण चेन्‍नई का श्रावक समाज संघनिष्ठ, गुरुनिष्ठ, समर्पित, आज्ञाकारी एवं सेवाभावी है। साधु-साध्वियों के द‍ृष्टि की आराधना करने वाला है। मंगल प्रेरणा देते हुए साध्वीश्री जी ने कहा कि हमारा मानव जीवन बड़ा दुर्लभ है। जीवन को सुखमय, शांतिमय, आनंदमय बनाने का प्रयास करें। चातुर्मास अध्यात्म साधना का महत्त्वपूर्ण काल है। इस समय का अच्छा सदुपयोग कर जीवन को अध्यात्ममय व आनंदमय बनाएँ।
साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभाध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, निवर्तमान अध्यक्ष विमल चिप्पड़, मुकेश रांका, जतन पुगलिया, तेयुप अध्यक्ष मुकेश नवलखा, महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा हिरण, गुणवंती खटेड़, जैन तेरांपथ नगर के अध्यक्ष अशोक बोकड़िया, प्रवीण सुराणा, दीपक लोढ़ा, केसर रांका, कुलदीप रांका, रजत तन्मय मरलेचा, खुशी मेड़तवाल ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। महिला मंडल, वरिष्ठ बहनों एवं ज्ञानशाला के बच्चों ने भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री गजेंद्र खांटेड़ एवं द्वितीय चरण का संचालन कविता मेड़तवाल ने किया।