जीवन की सच्ची पाठशाला है ज्ञानशाला
कानपुर
साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस मनाया गया। साध्वीश्री जी के महामंत्रोच्चार से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। ज्ञानार्थी कुशाग्र मालू ने महावीर स्तुति से मंगलाचरण किया। साध्वी पीयूषप्रभा जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के नवम अधिशास्ता आचार्यश्री तुलसी ने बच्चों में संस्कार निर्माण, सद्ज्ञान के लिए माध्यम की परिकल्पना की और वह माध्यम बना ज्ञानशाला। ज्ञानशाला संस्कारों की वह प्रयोगशाला है जो भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर ले जाती है। तेजी से बढ़ रहे युग में सही समय सही संस्कार दिए जाएँ। बच्चों में देव, गुरु, धर्म का ज्ञान और इनके प्रति श्रद्धा कैसे प्रगाढ़ हो, इसका प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
ज्ञानार्थी मीत भूतोड़िया और रिद्धिमा सुराणा ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए साध्वी दीप्तियशा जी ने कहा कि ज्ञानशाला भौतिकता व कुसंस्कारों के अंधेरे में एक दीपक के प्रकाश के समान है। कार्यक्रम में बच्चों की उपस्थिति के साथ ही तेयुप के अध्यक्ष दिलीप मालू, मंत्री मनीष सेठिया, टीकमचंद सेठिया, चंपालाल सेठिया, पूर्व अध्यक्ष पूनमचंद सुराणा आदि उपस्थित थे।