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विकास महोत्सव के आयोजन
शाहदरा
शासनश्री साध्वी रतनश्री जी के सान्निध्य में विकास महोत्सव का आयोजन किया गया। सुमन सिंघी द्वारा समुच्चारित मंगल गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने कहा कि आपने तेरापंथ धर्मसंघ के विकास के नए-नए आयाम दिए। जिनके द्वारा इस संघ को आकाशीय ऊँचाई मिली और सागर जैसी गहराई मिली। शासनश्री साध्वी सुव्रताजी ने कहा कि आचार्य तुलसी सफलता के श्लाका पुरुष थे। उन पर तकदीर मेहरबान थी, हौसले बुलंद थे, पुरुषार्थ की लौ कभी मंद नहीं होती थी। 83 वर्ष की उम्र में भी युवकों जैसी स्फूर्ति थी।
शासनश्री साध्वी सुमनप्रभा जी ने कहा कि आप शक्तिसंपन्न आचार्य थे। आपमें अपरिमित आत्मबल, मनोबल व धैर्यबल था। आशा के अजस्त्र स्रोत थे। निराशा की बात उनको बिलकुल नहीं सुहाती थी। साध्वी कार्तिकप्रभा जी ने कहा कि वे मैत्री के महासागर थे। उनके नयनों से शांति के झरने झरते थे। शाहदरा सभाध्यक्ष पन्नालाल बैद, मंत्री आनंद बुच्चा, निवर्तमान अध्यक्ष राजेंद्र सिंघी, पूर्व अध्यक्ष भानुप्रकाश बरड़िया, तेममं की मंत्री यश बोथरा गांधीनगर सभाध्यक्ष कमल गांधी, गुलाब भंसाली, ओसवाल समाज अध्यक्ष बाबूलाल दुगड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी चिंतनप्रभा जी ने किया।