विकास महोत्सव के आयोजन
जाटावास
तेरापंथ भवन में शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी के सान्निध्य में विकास महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया। शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी विकास पुरुष थे, शलाका पुरुष थे, विकास के पुरोधा थे, विकास के प्रतीक थे। विविध क्षेत्रों में अपने विकास के नए क्षितिज खोले नए-नए आयाम उद्घाटित किए। चिंतन का पहला स्फुलिंग आपके मस्तिष्क में उत्पन्न होता साधना, शिक्षा, कला, यात्रा, सेवा, जन-संपर्क, व्यक्तित्व निर्माण में महत्त्वपूर्ण अवदान दिए। अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन-विज्ञान आज के युग की विशिष्ट देन है। ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप वीर्य में अधिक से अधिक विकास पथ पर अग्रसर होते रहें। आचार्य तुलसी के सपनों को साकार करते रहें। हर क्षेत्र में आगे बढ़ते रहें।
साध्वी कंचनरेखा जी ने अपने भावपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। साध्वी सुमंगलाश्री जी, साध्वी सुलभयशा जी, साध्वी संबोधयशा जी, साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने गीत का संगान किया। तेरापंथ सभाध्यक्ष पन्नालाल कागोत, महिला मंडल कोषाध्यक्ष राजश्री समदड़िया, तेयुप से तरुण समदड़िया आदि वक्ताओं ने आचार्य तुलसी के प्रति अपने उद्गार व्यक्त किए।
मंगलाचरण तेयुप के सदस्यों ने किया। तेयुप अध्यक्ष मितेश जैन ने कार्यक्रम का संचालन किया। सुनीता चोरड़िया ने 11 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।