विकास महोत्सव के आयोजन

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विकास महोत्सव के आयोजन

कानपुर
साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी के सान्निध्य में विकास महोत्सव का महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वीश्री जी ने महामंत्रोच्चार एवं तुलसी अष्टकम् से कार्यक्रम शुभारंभ किया। विकास महोत्सव के महत्त्व को दर्शाते हुए साध्वी पीयूषप्रभा जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टम् आचार्य कालूगणी ने मुनि तुलसी को अपना उत्तराधिकारी बनाया। भाद्रव शुक्ला नवमी को आचार्य तुलसी का पदाभिषेक हुआ। 22 वर्ष की लघु आयु में आचार्य पद पाया और 60 वर्ष की अनुशासना में नए-नए कीर्तिमान रचते गए।
आचार्य महाप्रज्ञ की प्रज्ञा ने आकार लिया और आज का दिन जहाँ पहले पट्टोत्सव के रूप में मनाया जाता था, वहीं अब विकास महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। विकास पुरुष आचार्य तुलसी का इस गण पर, मानव जाति पर इतने उपकार हैं, जिससे वह कभी उऋण नहीं हो पाएगा। ऐसे विकास के पुरोधा आचार्यश्री तुलसी को शत-शत नमन।साध्वी भावनाश्री जी ने आचार्य तुलसी के शिक्षण, प्रशिक्षण शैली पर प्रकाश डाला। साध्वी सुधाकुमारी जी ने गीत का संगान किया। सभा अध्यक्ष धनराज सुराणा, पूर्व अध्यक्ष पूनमचंद सुराणा, प्रियंका भूतोड़िया, रिद्धिमा सुराणा, पन्नालाल बैद एवं कानपुर महिला मंडल ने गीत और वक्तव्य द्वारा अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी दीप्तियशा जी ने किया।