विकास महोत्सव के आयोजन

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विकास महोत्सव के आयोजन

भीलवाड़ा
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ0 परमयशा जी के सान्निध्य में विकास महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर साध्वी परमयशा जी ने कहा कि बीसवीं सदी में राजस्थान की पावन धरा पर एक प्रकाशपुंज बनकर आए आचार्य तुलसी। जिनका जीवन आश्चर्यों की वर्णमाला था। आचार्य तुलसी शांत व्यक्ति थे। अध्यात्म के शिखर पुरुष का हर पहलू दिव्य और भव्य था। कार्यक्रम में साध्वी परमयशा जी, साध्वी विनम्रयशा जी, साध्वी मुक्ताप्रभा जी व साध्वी कुमुदप्रभा जी ने आचार्य तुलसी के कीर्तिमानों की सामूहिक प्रस्तुति दी और उसके पश्चात सामूहिक गीतिका का संगान किया।
साध्वी मुक्ताप्रभा जी एवं साध्वी कुमुदप्रभा जी ने कविता एवं गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो0 धर्मचंद जैन ने कहा कि आचार्य तुलसी ने बहुत अवदान दिए, उसमें प्रमुख थाµसाध्वी-साध्वियों की शिक्षा-दीक्षा विस्तार। गुरुदेव तुलसी ने इस संघ को तीन अमूल्य रत्न दिएµमहाप्रज्ञ, साध्वीप्रमुखा और महाश्रमण। मीडिया प्रभारी नीलम लोढ़ा ने बताया कि कार्यक्रम में तेममं और नन्हे कलाकार सिद्धार्थ दुगड़ ने गीत का संगान किया। तेरापंथी सभा संस्था मंत्री योगेश चंडालिया ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।