साध्वी धर्मयशा जी का देवलोकगमन

साध्वी धर्मयशा जी का देवलोकगमन

जयपुर।
साध्वी धर्मयशाजी का जन्म वि0 सं0 2018 कार्तिक कृष्णा-2 को गोलछा परिवार में हुआ। साध्वीश्री जी के पिता का नाम श्रद्धानिष्ठ श्रावक स्व0 हड़मानमल गोलछा और माता का नाम श्रद्धा की प्रतिमूर्ति स्व0 सज्जन देवी गोलछा था। साध्वी नजरकंवर जी और साध्वी गुप्तिप्रभा जी की प्रेरणा से आपके भीतर वैराग्य के भाव आए। आपकी दीक्षा वि0सं0 2040 माघ शुक्ला त्रयोदशी को गुरुदेव श्री तुलसी के करकमलों से बीदासर की भूमि में हुई।
आपको आगम बत्तीसी सहित 52 बोल, नाममाल के अध्याय, भीखण को सुमिरण, तत्त्वचर्चा आदि कई थोकडे, सैकड़ों ढाले कंठस्थ थी। साध्वीश्री जी गीत, कविता, मुक्तक आदि की सुंदर रचनाकार थीं। आप मर्यादा परंपरा व्यवस्था के भी जानकार थी। ध्यान, जप, चौविहार त्याग, और साधना, स्वाध्याय आपके दिनचर्या में शामिल था। आपके प्रवचन, गीत और बोलने की शैली से सभी को बहुत प्रेरणा मिलती थी। आप सिलाई, रंगाई, मुहपत्ति,राजोहरण निर्माण में दक्ष थीं। आपने जैन विश्व भारती संस्थान से बी0ए0 और एम0ए0 किया था। साध्वी धर्मयशा जी के परिवार से साध्वी परमयशा जी व मुनि धन्य कुमार जी दीक्षित हैं।
20 अगस्त, 2022 को बीदासर में गिर जाने की वजह से आपका स्वास्थ्य अनुकूल नहीं था। 23 अगस्त को गुरुदेव की अनुमति से चिकित्सा की दृष्टि से आपको जयपुर ले जाया गया। गुरुदेव ने साध्वी हेमरेखाजी आदि तीन साध्वियों को आपकी सेवा के लिए नियोजित किया। तीनों साध्वियों ने आपकी बहुत अच्छी सेवा की। दो दिन के संलेखना के साथ 10 सितंबर, 2022 को प्रातः 5 बजकर 25 मिनिट पर साध्वी धर्मयशा जी का देवलोकगमन हो गया। आपका दीक्षा पर्याय 29 वर्ष 7 माह के लगभग रहा।