कैसे सफल बने चातुर्मास
रोहिणी, दिल्ली
तेरापंथ भवन में जनसमुह को संबोधित करते हुए शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने कहा कि चातुर्मास को सफल बनाने के लिए आप अपना लक्ष्य बनाएँ हमको क्या करना है। मैं अपनी ओर से आपको इंगित करती हूँ कि आप आत्मा से परमात्मा की ओर, वासना से उपासना की ओर अहं से अर्हम् की ओर एवं असयंम से संयम की ओर गतिमान बनने का लक्ष्य निर्णित करें।
यह समय आत्म साधना के लिए सर्वोत्कृष्ट समय है। अंत में मर्यादा पत्र का वाचन करते हुए श्रावकों का ही कर्तव्य है एवं साधुओं के क्या नियम हैं। इसकी विस्तृत व्याख्या की एवं मौलिक मर्यादाओं की सुरक्षा के लिए जागरूक रहने की प्रेरणा दी। श्रावक निष्ठा पत्र के वाचन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।