आत्मा में वापस लौटना ही है प्रतिक्रमण

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आत्मा में वापस लौटना ही है प्रतिक्रमण

विले पार्ले
साध्वी राकेश कुमारी जी के सान्निध्य में तेममं विले पार्ले एवं खार के तत्त्वावधान में प्रतिक्रमण कार्यशाला का आयोजन किया गया। विले पार्ले एवं खार महिला मंडल के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सुनीता गेलड़ा ने विचार रखे। संयोजिका रेखा कोठारी ने प्रतिक्रमण कार्यशाला की जानकारी दी। साध्वी राकेश कुमारी जी ने कहा कि जैन साधना की दिनचर्या का महत्त्वपूर्ण अंग है-प्रतिक्रमण। प्रतिक्रमण यानी वापस अपने घर में लौटना। प्रतिक्रमण जिससे चेतना निर्मल हो जाती है। साध्वी मलाईविभा जी ने प्रतिक्रमण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए ऐसी कार्यशालाओं की उपयोगिता बताते हुए प्रश्न-उत्तर का सिलसिला चलाया।