आचार्य कालूगणी महाप्रयाण दिवस के आयोजन

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आचार्य कालूगणी महाप्रयाण दिवस के आयोजन

कानपुर
साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी के सान्निध्य में आचार्य कालूगणी निर्वाण दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी के महामंत्रोच्चार से हुआ। सर्वप्रथम सभा के मंत्री संदीप जम्मड़ ने अष्टम् आचार्य के बाल्यकाल के बारे में जानकारी दी। सभाध्यक्ष धनराज सुराणा ने आचार्य कालूगणी को विकास पुरुष बताते हुए कहा कि आचार्य कालूगणी ने साधु-संतों की शिक्षा पर बहुत ध्यान दिया। पूनमचंद सुराणा एवं राज सेठिया ने गीत/गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी भावनाश्री जी ने कहा कि आचार्य कालूगणी के युग में तेरापंथ का क्षेत्र विस्तार हुआ। साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी ने कहा कि आचार्य कालूगणी ने स्वर्गवास के तीन दिन पूर्व भी 22 वर्षीय युवा मुनि तुलसी के कंधों पर संघ का दायित्व सौंप कर निश्चिंत हो गए थे। आचार्य कालूगणी के ही शिष्य महाप्रज्ञ और तुलसी धर्मसंघ के आचार्य बने।
छापर कस्बे में आचार्य कालू की स्मृतियों में कालू कल्याण केंद्र नामक भवन का निर्माण कराया गया। साध्वीश्री जी ने आचार्य कालूगणी को अलौकिक दिव्यपुंज की तरह बताते हुए कहा कि उनका प्रभाव इतना तीव्र था कि विरोधी भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते थे। उनकी बुद्धि तीक्ष्ण एवं प्रतिभा विलक्षण थी। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री संदीप जम्मड़ ने किया।