मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

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मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

साहूकारपेट, चेन्नई
तेरापंथ भवन में 35 दिवसीय मासखमण-तप साधिका सुशीला गौतम धारीवाल के ‘अभिनंदन समारोह’ में साध्वी डॉ0 मंगलाप्रज्ञा जी ने अपने उद्बोधन में कहा- तपस्या आत्म शुद्धि का पवित्र साधन है। तपस्या का अर्थ मात्र उपवास करना ही नहीं है। आगम में छह प्रकार के बाह्य और छह प्रकार के आंतरिक तप का विवेचन मिलता है। मासखमण भी लघु, मध्यम और उत्कृष्ट- तीन प्रकार का होता है। आज सुशीला धारीवाल ने मानसिक संकल्प से सफलता को प्राप्त किया है। उत्कृष्ट मासखमण का अमृत उपहार लेकर अमृत महोत्सव पर उपस्थित है। साध्वीवृंद ने तप अनुमोदन-गीत प्रस्तुत किया।
महिला मंडल मंत्री ने तपस्विनी बहन का जीवन-परिचय प्रस्तुत किया। साध्वीप्रमुखाश्रीजी के द्वारा प्रदत्त संदेश का वाचन तेममं की पुष्पा हिरण ने किया। पारिवारिक जनों के साथ वंदना, चंदना रंजना ने माँ को शुभकामना दी। निष्ठा, सहज और देशना ने नानी माँ के तप को वर्धापित किया। धनराज धारीवाल ने अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। तेरापंथ सभा के सहमंत्री देवीलाल हिरण ने अभिनंदन-पत्र का वाचन किया।
तेरापंथ सभा द्वारा मासखमण तप साधिका श्रीमती सुशीला धारीवाल का अभिनंदन- पत्र एवं साहित्य आदि से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सिद्धियशा जी ने किया। तेरापंथ महिला मंडल एवं कन्या मंडल द्वारा ‘पपेट शो’ का आयोजन तथा अभिनंदन में गीत प्रस्तुत किया।