मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम
साहूकारपेट
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी की प्रेरणा से मासखमण की शंृखला में सातवाँ मासखमण करने वाली तप साधिका ‘श्रद्धा की प्रतिमूर्ति’ कन्या बाई भंसाली के अभिनंदन समारोह में साध्वीश्री जी ने कहा कि तप करने का उद्देश्य यश, कीर्ति, प्रशंसा न हो। भगवान महावीर की साधना का विशिष्ट लक्ष्य हैµ‘आत्मा की विशुद्धि’। तप की आराधना मात्र निर्जरा के लिए होनी चाहिए।
तेरापंथ सभा के अध्यक्ष उगमराज ने तप-अभिनंदन में भाव व्यक्त किए। तेरापंथी सभा के मंत्री अशोक खतंग ने साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी द्वारा संप्रेषित मंगल संदेश का वाचन किया। सहमंत्री मनोज गादिया ने तपस्विनी बहन का परिचय प्रस्तुत किया। महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा हिरण ने शुभकामनाएँ दी। महिला मंडल ने गीत का संगान किया। साध्वीवृंद ने ‘दीप-कन्या तप कैंटीन’ कार्यक्रम द्वारा तपस्विनी बहन के प्रति अनुमोदना-भाव व्यक्त किए। साध्वी डॉ0 चैतन्यप्रभा जी ने संचालन किया।