शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम
जैविभा, लाडनूं।
शासनश्री मुनि विजय कुमार जी के सान्निध्य में आदर्श विद्या मंदिर में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कक्षा 3 से कक्षा 10 तक के विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित थे। विद्यार्थियों की प्रार्थना एवं संकल्पसूचक मंत्रों के उच्चारण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मुनिश्री ने कहा कि विद्या मनुष्य जीवन की अमूल्य निधि है। जिसके पास यह निधि नहीं होती, वह आकार से मनुष्य होकर भी पशु की जिंदगी जीता है। विद्या कर्तव्य-अकर्तव्य का बोध करती है। आचार्यों ने कहा है-प्रकाश के अभाव में व्यक्ति सामने पड़ी वस्तु को भी नहीं देख पाता है, स्थान-स्थान पर भटकता रहता है। विद्यार्थी ज्ञानार्जन के लिए स्कूल में आते हैं, वे गुरुजनों से ज्ञान तो गहण करें ही, सत्संस्कारों को भी जीवन में उतारने की कोशिश करें। कार्यक्रम में अनेक शिक्षक भी उपस्थित हैं। मुनिश्री ने शिक्षक शब्द की गरिमा बताते हुए उनसे कहा कि शिक्षक केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं, अपने जीवन की पोथी से ज्ञान दें। मुनि विजय कुमार जी ने प्रारंभ में विद्यार्थियों को एक प्रेरक गीत सुनाया।
रामस्नेही संप्रदाय के संत धीरजरामजी भी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने भी विद्यार्थियों को जीवन निर्माण की बातें बताई। विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद ने विषय की प्रस्तावना की। नेपाल से समागत समाजसेवी अशोक बैद, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अंजनी शर्मा, नगर पार्षद रेणू कोचर, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुशीला दुगड़, पुरुषोत्तम सोनी ने विचार रखे। राजकीय सेवा से निवृत्त दो वरिष्ठ शिक्षकों अगमचंद शर्मा व प्रेम प्रकाश सोनी को शिक्षक समिति द्वारा सम्मानित किया गया। उपस्थित सभी शिक्षकों को उनकी सेवा के लिए प्रोत्साहित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश कुमार गौड ने समागत अतिथियों व मुनिश्री के प्रति आभार ज्ञापन किया। सीताराम परिहार ने कार्यक्रम का संचालन किया।