अष्टदिवसीय पर्युषण महापर्व
अररिया कोर्ट।
उपासकद्वय इंद्राजमल नाहटा व धर्मेंद्र चोपड़ा के निर्देशन में पर्युषण पर्व आराधना महापर्व का कार्यक्रम चला। इन आठ दिनों में क्षेत्र में धर्म की खूब अच्छी प्रभावना हुई। प्रतिदिन प्रातः प्रार्थना व भक्तामर के साथ सुबह के प्रवचन में उपासकद्वय द्वारा, केंद्र द्वारा निर्देशित विषयों पर व्याख्यान व प्रेरणा दी गई। दोपहर को महिलाओं के लिए तत्त्वज्ञान का समय रहता। सायंकालीन प्रतिक्रमण एवं रात्रिकालीन प्रवचन में नमस्कार महामंत्र, रात्रि भोजन, तनावमुक्ति, अठारह पाप, आहारशुद्धि, तत्त्व चर्चा, प्रबंधन आदि विषय पर वक्तव्य हुए इसके अलावा कहानी, कविता के माध्यम से सरलता से धर्म को समझाया गया, जिससे यहाँ के श्रावक-श्राविकाओं, बच्चों में धार्मिक प्रवृत्ति का अच्छा प्रभाव पड़ा।
उपासक की विशेष प्रेरणा से तपस्याएँ, सतरंगी मौन, सतरंगी सामायिक के साथ-साथ जप दिवस पर 24 घंटों का जप हुआ। ज्ञानशाला के बच्चों की कक्षा लगने के साथ-साथ सायंकालीन गुरु इंगितानुसार सामायिक हुई। संवत्सरी के दिन कार्यक्रम लंबे समय तक अनवरत चला। शाम को प्रतिक्रमण में काफी अच्छी संख्या में उपस्थिति हुई। पौषध में छोटे बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी उत्साह दिखाया। क्षमापना दिवस नमस्कार महामंत्र के द्वारा विधिवत् प्रारंभ हुआ। गुरुदेव, साधु-साध्वियों, समण-समणियों व श्रावक-श्राविकाओं से सामूहिक खमतखामणा किया गया। तत्पश्चात उपासक इंद्राजमल नाहटा के द्वारा क्षमायाचना किस प्रकार मनाया जाए इसको सरल तरीके से समझाया। उपासक धर्मेंद्र चोपड़ा ने अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से खमतखामणा का वक्तव्य दिया तथा गीत का संगान किया।
महिला मंडल की बहनों द्वारा सुमधुर गीत के द्वारा मंगलाचरण हुआ। कार्यक्रम में धर्मचंद चोरड़िया, सभा अध्यक्ष अजय बैद, महिला मंडल अध्यक्षा ज्योति बोथरा सहित अनेक पदाधिकारीगण ने वक्तव्य दिए। तपस्वी भाई-बहनों का सम्मान महिला मंडल और तेयुप के द्वारा किया गया। नवगठित तेयुप का शपथ ग्रहण का कार्यक्रम भी रखा गया। कार्यक्रम के अंत में नेपाल, बिहार, झारखंड सभा अध्यक्ष भैरूदान भूरा का स्थानीय सभा अध्यक्ष अजय बैद के द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन कविता बोथरा ने किया।