मंत्र दीक्षा के आयोजन
गदग
शासनश्री साध्वी पद्मावती जी के सान्निध्य में, तेयुप के नेतृत्व में मंत्र दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। शासनश्री साध्वी पद्मावती जी ने कहा कि मंत्र दीक्षा के उपक्रम का उद्देश्य हैबच्चों को महामंत्र से परिचित कराना और उसके प्रयोग से होने वाले लाभ से अवगत कराना। नमस्कार महामंत्र हमारे जैन धर्म का महामंत्र है। मंत्रों का सरताज है, सुसुप्त शक्तियों का जागरण करने के लिए बहुत उपयोगी है। मंत्र के प्रकंपन से प्राणधारा आदि में नई शक्ति का विकास होता है।
डॉ0 साध्वी गवेषणा जी ने कहा कि वैदिक धर्म में बोडश संस्कार अर्थात् संस्कार नामकरण अन्नप्राशन चूड़ाकरण कर्णवेध आदि माने गए हैं। आचार्यश्री तुलसी ने भी बच्चों को विशेष संस्कार देने के लिए मंत्र दीक्षा को एक संस्कार के रूप में प्रतिष्ठित किया। साध्वी मेरुप्रभा जी, साध्वी दक्षप्रभा जी ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की।
ज्ञानशाला के संयोजक सुरेश कोठारी, तेयुप अध्यक्ष दिनेश संकलेचा ने अपने विचार रखे। उपासिका सरस्वती बाई कोठारी, उपासिका विमलाबाई कोठारी, शोभा संकलेचा, महिला मंडल मंत्री विजेता भंसाली, संतोष जीरावला, सारिका संकलेचा आदि ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका उपस्थित थे। बच्चों को मंत्र दीक्षा दी गई। तेयुप के मंत्री कमलेश जीरावला ने धन्यवाद ज्ञापन किया। दिनेश संकलेचा व अध्यक्ष अमृतलाल कोठारी ने बच्चों को प्रोत्साहित किया।