पर्युषण महापर्व आराधना

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पर्युषण महापर्व आराधना

इरोड।
पर्युषण महापर्व की आराधना उपासक महेंद्र कुमार दक, सहयोगी उपासक राजेंद्र कुमार कोचर तथा से सहयोगी उपासक राजेश आच्छा के तत्त्वावधान में आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत माहौल के साथ संपन्न हुई। उपासकत्रय के दस दिवस प्रवास के दौरान दैनिक विषयों पर प्रवचन के साथ-साथ जैन परंपरा एवं तीर्थंकर चरित्र, भगवान महावीर के पूर्व भव, गृहस्थ काल, साधना काल, केवल्य जीवन, जैन धर्म के प्रभावक आचार्यों का विवेचन, तेरापंथ का उद्भव, आचार्य भिक्षु एवं उत्तरवर्ती आचार्यों का जीवन चरित्र तथा तेरापंथ दर्शन पर प्रातःकालीन प्रवचनों की शंृखला चली।
अणुव्रत चेतना दिवस पर गणाधिपति पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी द्वारा प्रदत्त अणुव्रत के मुख्य आयामों को लेकर बारह व्रत, पाँच महाव्रतों की व्याख्या एवं भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन पर जीवन, साधना, उनके उपसर्गों, कष्टों को लेकर जीवन वर्णन और आगार, अणागार धर्म पर प्रकाश डाला। जप दिवस के दिन 24 घंटों का तेरापंथ भवन में अनवरत नमस्कार महामंत्र जाप चला, जिसमें स्थानीय सभा, तेयुप तथा महिला मंडल की संपूर्ण एवं सराहनीय सहभागिता रही।
पर्युषण महापर्व के दौरान उपासक भाईयों द्वारा परिवारों से व्यक्तिगत संपर्क एवं प्रेरणा की निष्पत्ति स्वरूप क्रम में तपस्याएँ भी हुई। स्थानीय उपासक प्रकाश पारख के साथ ही स्थानीय सभा एवं तेयुप के भाईयों तथा महिला मंडल एवं ज्ञानशाला की बहनों का पूर्ण सहयोग रहा। जैन विद्या, तत्त्वज्ञान तथा विज्ञ की परीक्षाओं में सफल ज्ञानार्थियों का सम्मान किया गया। 
मैत्री दिवस के दिन सामूहिक क्षमापना समारोह में उपासक का साहित्य द्वारा सम्मान किया। परमपूज्य गुरुदेव एवं उपासकत्रय के प्रति कृताज्ञता के स्वरों में महासभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नखत, स्थानीय सभा के पूर्व अध्यक्ष हीरालाल चोपड़ा, सभाध्यक्ष सुरेंद्र भंडारी, तेयुप अध्यक्ष सुभाष बैद, तेममं अध्यक्षा सुनीता भंडारी, ज्ञानशाला से पिंकी भंसाली, उपासक प्रकाश पारख, वरिष्ठ श्रावक धर्मचंद बोथरा एवं वरिष्ठ श्राविका मंजुबाई बोथरा ने उद्गार के साथ पर्युषण महापर्व आराधना की सफलता पर सभी को बधाई दी। संचालन एवं आभार ज्ञापन सभा मंत्री दुलीचंद पारख ने किया।