विकास महोत्सव के विविध आयोजन विकास के श्लाका पुरुष थे आचार्यश्री तुलसी

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विकास महोत्सव के विविध आयोजन विकास के श्लाका पुरुष थे आचार्यश्री तुलसी

माधावरम्, चेन्नई
मुनि सुधाकर कुमार जी के सान्निध्य में जय समवसरण, जैन तेरापंथ नगर में विकास महोत्सव एवं शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि आज का समाज अनैतिकता, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता की बीमारी से पीड़ित है। इस स्थिति में शिक्षकों से बहुत आशाएँ और अपेक्षाएँ हैं। वे भावी राष्ट्र के निर्माता हैं।
जीवन विज्ञान का कार्यक्रम नैतिक शिक्षा और चरित्र निर्माण का असांप्रदायिक कार्यक्रम है। इसके यौगिक प्रयोगों के अभ्यास से आंतरिक शक्तियों को जगाया जा सकता है तथा स्वभाव का सुधार और बदलाव हो सकता है। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी का जीवन अहिंसा, अध्यात्म और अनेकांत की प्रयोगशाला था। वे विरोधी विचारों और परंपराओं के प्रति उदार और सहिष्णु थे। उन्होंने लंबी-लंबी पदयात्राएँ कर राष्ट्र में एकता और नैतिका की ज्योति प्रज्वलित की। मुनि नरेश कुमार जी ने गीत का संगान किया।