भिक्षु चरमोत्सव के विविध आयोजन

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भिक्षु चरमोत्सव के विविध आयोजन

कांदिवली
साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में आचार्य भिक्षु चरमोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु का नाम हमारी साँसों में समाया हुआ है। उनके नाम स्मरण से ही नई ऊर्जा का संचार होता है। साध्वी डॉ0 योगक्षमप्रभा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु भगवान महावीर की वाणी के भाष्यकार थे। उन्होंने जैन धर्म के मौलिक सूत्रों की व्याख्या की। समणी निर्देशिका सत्यप्रज्ञा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु में श्रद्धा और तर्क दोनों का समान बल था। जिनवाणी पर अपार श्रद्धा के साथ तत्त्व की व्याख्या तर्क के साथ की। साध्वी लावण्यप्रभा जी व समणी रोहिणीप्रज्ञा जी ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वीवृंद ने गीत की प्रस्तुति दी। प्रवक्ता उपासिका पुष्पा मेहता, सह-संयोजिका निशा दुगड़, तेममं मुंबई अध्यक्ष रचना हिरण आदि ने उद्गार प्रकट किए। तेममं, कांदिवली की बहनों ने गीत की प्रस्तुति दी। संचालन उपासिका विमला दुगड़ ने किया। धन्यवाद आभार ज्ञापन प्रकाश हिरण ने किया।