मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

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मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

नोखा
कहते हैं आसोज में मोती निपजते हैं। अनिल ने हिम्मत करके दृढ़ मनोबल से मासखमण तप किया। यह विशेष आस्था का परिचायक है। भौतिक सुविधा, संपदा, धन होना अलग बात है। तप करने से आध्यात्मिक संपदा बढ़ती है, इसने मनोयोग से तप करके कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उद्गार शासन गौरव साध्वी राजीमती जी ने तपाभिनंदन समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए युवा तहसीलदार नरेंद्र बुढ़ानिया ने जैन धर्म के तप को महान बताया। साधु-साध्वियों के जीवन को उज्ज्वल चंद्रमा सम् शीतलता प्रदान करने वाला बताया।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी का मंगल संदेश का वाचन साध्वी समताश्री जी ने किया। अभिनंदन पत्र का वाचन इंद्रचंद बैद ने किया। सभा अध्यक्ष निर्मल भूरा, उपाध्यक्ष इंद्रचंद बैद, मंत्री लाभचंद छाजेड़, भुवनेश्वर से पधारे सुभाष भूरा, सरोज मरोठी, सूरत से पहुँचे सतीश-मधु भूरा, भ्राता सुशील भूरा, दिलीप बैद, उर्मिला देवी, विशाल करण भूरा ने तपस्वी अनिल को तप की बधाई देते हुए तपाभिनंदन भावाभिव्यक्ति व्यक्त की। तहसीलदार नरेंद्र बुढ़ानिया का साहित्य द्वारा सम्मान सभा के पदाधिकारियों ने किया। महिला मंडल अध्यक्षा मंजु बैद, तेयुप अध्यक्ष गजेंद्र पारख, किशोर मंडल संयोजक प्रेम चोरड़िया, रितिक बुच्चा, सुरेश बोथरा, भूरा परिवार की बहनें, तेममं सभी ने तपस्या करना दुर्लभ व गुरुकृपा बताया। अभिनंदन भाव रखे।
साध्वी प्रभातप्रभा जी, साध्वी कुसुमप्रभा जी, साध्वी पुलकितयशा जी ने तप गीत का संगान किया। तपस्वी अनिल ने भी आस्था भरी भावना, गुरुकृपा बताया। तपस्वी अनिल भूरा को तेरापंथी सभा, महिला मंडल, तेयुप द्वारा मोमेंटो, अभिनंदन पत्र, साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। मूलचंद चोरड़िया, हरखचंद छाजेड़, तोलाराम घीया आदि ने साहित्य भेंट किया। संचालन सभा मंत्री लाभचंद छाजेड़ ने किया। दिल्ली से समागत विजयराज सुराणा ने ‘अणुव्रत’ विशेषांक साध्वीश्री जी को भेंट किया तथा भावना अभिव्यक्त की।