भक्तामर का सामूहिक सजोड़े अनुष्ठान

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भक्तामर का सामूहिक सजोड़े अनुष्ठान

उदासर।
शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी के सान्निध्य में सजोड़े भक्तामर अनुष्ठान का कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम में 44 जोड़े उपस्थित थे एवं अन्य अनेकों भाई-बहनों ने अनुष्ठान में भाग लिया। कार्यक्रम रोचक एवं गरिमापूर्ण रहा। साध्वी कांतप्रभा जी ने भक्तामर का महत्त्व बताकर पूरा उच्चारण सहित भक्तामर पाठ किया। साध्वी शशिरेखा जी ने कहा कि भक्तामर का एक-एक श्लोक बहुत ही शक्तिशाली है। कई श्लोकों से शारीरिक एवं मानसिक व्याधि दूर हो जाती है। प्रतिदिन नियमित पाठ करने से अनेकों लोगों को रोगमुक्ति में सहयोग मिला है। साध्वी शीतलयशा जी एवं साध्वी रोहितप्रभा जी ने दाम्पत्य जीवन-सुखी जीवन बने, इसके उपाय बताए। सभा के अध्यक्ष हनुमानमल महनोत ने आगंतुक श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति की सराहना की एवं साध्वीश्री से निवेदन किया कि ऐसा कार्यक्रम एक बार फिर कराया जाए। साध्वी शशिरेखा जी के सान्निध्य में प्रतिदिन अनेक कार्यक्रम एवं तपस्याएँ हुई, तप अनुमोदना करके साध्वीश्री जी ने तपस्वी का मनोबल बढ़ाया एवं अन्य लोगों को तपस्या की प्रेरणा दी।